स्वर्ण मुद्रीकरण योजना


 भारत सरकार ने 5 नवंबर 2015 को स्वर्ण मुद्रीकरणयोजना शुरू की थी। बीआईएस ने आर्थिक मामले विभाग और भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के कार्यान्वयन और उसे अंतिम रूप देने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वर्ण मुद्रीकरणयोजना के तहत, बीआईएस से मान्यता प्राप्त एसेयिंग और हॉलमार्किंग (ए एंड एच) केंद्रों ने  संग्रह और शुद्धता परीक्षण केंद्र (सीपीटीसी) के रूप में कार्य करने के लिए अर्हताप्राप्तता प्राप्त की है। अभी तक 48 ए एंड एच केंद्र और 01 ज्वैलर सीपीटीसी के रूप में कार्य करने के लिए अर्हक हैं। सीपीटीसी द्वारा एकत्रित सोने को बीआईएस द्वारा लाइसेंस प्राप्त परिष्करणशालाओंसे परिष्कृत किया जाता है। अभी तक बीस परिष्करणशालाओं को लाइसेंस दिया गया हैं।

 

 

Last Updated on November 2, 2022

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