1. आभूषण निर्माताओं (ज्वेलर्स) को पंजीकरण/प्रमाणन प्रदान करने की प्रक्रिया क्या है?
कोई भी ज्वेलर जो हॉलमार्क किए गए सोने और चांदी के आभूषण/कलाकृतियाँ बेचने के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करना चाहता है, वह राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम (NSWS) पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है: https://www.nsws.gov.in/। NSWS पोर्टल को सीधे या BIS पोर्टल के माध्यम से भी एक्सेस किया जा सकता है: https://www.manakonline.in। पंजीकरण प्रमाणपत्र तुरंत प्रदान किया जाता है, इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होता है और यह आजीवन वैध रहता है।
इसके अलावा, ज्वेलर्स निम्नलिखित लिंक पर सीधे जाकर यह जान सकते हैं कि पंजीकरण/प्रमाणन के लिए हॉलमार्किंग पोर्टल तक कैसे पहुंचें: https://www.bis.gov.in/wp-content/uploads/2020/10/Guide_Jeweller_Registration_v1.1.pdf।
2. हॉलमार्क किए गए आभूषणों/वस्तुओं की बिक्री के लिए BIS से पंजीकरण/प्रमाणन किसे आवश्यक है?
i. कोई भी निर्माता, थोक विक्रेता, वितरक या खुदरा विक्रेता जो हॉलमार्क किए गए कीमती धातु (सोना/चांदी) के आभूषणों/वस्तुओं की बिक्री में संलग्न है, उसे अनिवार्य रूप से BIS के साथ पंजीकरण कराना होगा।
ii. यह भी सूचित किया जाता है कि वे कारीगर या निर्माता जो ज्वेलर्स के लिए जॉब वर्क के आधार पर सोने के आभूषण बनाते हैं और निर्माता, थोक विक्रेता, वितरक एवं खुदरा विक्रेता जैसी बिक्री श्रृंखला में सीधे शामिल नहीं हैं, उन्हें पंजीकरण/प्रमाणन से छूट दी जा सकती है। हालांकि, उन्हें अपने दावे के समर्थन में उचित दस्तावेज रखने आवश्यक हैं।
iii. जिन ज्वेलर्स का वार्षिक कारोबार 40 लाख रुपये तक है, वे अनिवार्य हॉलमार्किंग के दायरे में नहीं आते हैं। फिर भी, यदि वे हॉलमार्क किए गए आभूषण बेचना चाहते हैं, तो वे पंजीकरण/प्रमाणन प्राप्त कर सकते हैं।
3. ज्वेलर्स के पंजीकरण/प्रमाणन के लिए शुल्क क्या है?
ज्वेलर्स से पंजीकरण/प्रमाणन प्रदान करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
4. आभूषणों को हॉलमार्क करवाने की आवश्यकता किसे होती है?
निर्माता, थोक विक्रेता, वितरक और खुदरा विक्रेता की श्रृंखला में, आभूषण को हॉलमार्क करवाने की जिम्मेदारी उस व्यक्ति पर होती है जो सबसे पहले बिक्री करता है।
अतः पूरी श्रृंखला में हॉलमार्किंग केवल एक बार करनी होती है, और यह उसी द्वारा की जानी चाहिए जो प्रथम बिक्री करता है — यह निर्माता, थोक विक्रेता, वितरक या खुदरा विक्रेता कोई भी हो सकता है।
5. बिक्री बिंदु (Point of Sale) की परिभाषा क्या है?
बिक्री बिंदु (Point of Sale) वह स्थान है जहाँ निम्नलिखित तीनों शर्तें पूरी होती हैं:
• कोई व्यक्ति किसी आभूषण/वस्तु का स्वामित्व खरीददार को हस्तांतरित करता है;
• एक वैध और अनुपालन योग्य टैक्स चालान (Tax Invoice) जारी किया जाता है; और
• स्वामित्व हस्तांतरित करने वाला व्यक्ति संबंधित आभूषण/वस्तु की भौतिक आपूर्ति खरीददार को सुनिश्चित करता है।
6. क्या जॉब वर्क को बिक्री माना जाएगा?
जब कोई कारीगर/शिल्पकार उपभोक्ता द्वारा दिए गए सोने पर जॉब वर्क करता है और उसी सोने से आभूषण बनाता है, तो ऐसी स्थिति में जॉब वर्क को बिक्री नहीं माना जाता।
इस प्रक्रिया में उपभोक्ता और जॉब वर्क करने वाले कारीगर के बीच कोई बिक्री का लेन-देन नहीं होता है।
कारीगर केवल अपने श्रम (मजदूरी) के लिए शुल्क लेता है और सामग्री (सोना) का स्वामित्व उपभोक्ता के पास ही रहता है।
7. क्या जॉब वर्क के लिए BIS पंजीकरण आवश्यक है?
आवश्यक नहीं।
8. पोर्टल का उपयोग करके आभूषणों को अस्सेइंग एवं हॉलमार्किंग केंद्र (Assaying & Hallmarking Centre) में कैसे भेजा जाए?
ज्वेलर के पक्ष पर, ज्वेलर को सबसे पहले e-BIS वेबसाइट यानी www.manakonline.in पर जाना होगा और ‘Hallmarking’ टाइल का चयन करना होगा। इसके बाद, ज्वेलर को पोर्टल के माध्यम से आभूषणों को अस्सेइंग एवं हॉलमार्किंग केंद्र (Assaying & Hallmarking Centre) में भेजने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:
> उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड के साथ लॉगिन करें
> ‘Hallmarking’ टाइल पर क्लिक करें
> नया अनुरोध (New Request tab) बनाने के लिए क्लिक करें
> ‘Jeweller’s Hallmarking Request’ पेज में आवश्यक विवरण भरें जैसे कि आइटम श्रेणी (Item Category), मात्रा (Quantity), आइटम श्रेणी का वजन (Item Category Weight), और घोषित शुद्धता (Declared Purity)
> ‘Submit to AHC’ पर क्लिक करें
9. अनिवार्य हॉलमार्किंग के लिए QCO के तहत कौन-सी छूटें उपलब्ध हैं?
अनिवार्य हॉलमार्किंग आदेश के तहत जिलों में उपलब्ध छूट इस प्रकार हैं:
a) कोई भी आभूषण जो निर्यात के लिए बनाया गया हो और जो विदेशी खरीदार द्वारा आवश्यक किसी भी विशिष्टता (Specification) के अनुरूप हो;
b) दो ग्राम से कम वजन वाला कोई भी आभूषण;
c) कोई भी आभूषण जो भारत के बाहर से भारत में किसी अस्सेइंग एवं हॉलमार्किंग केंद्र में भेजा जा रहा हो, जो Bureau of Indian Standards (Hallmarking) Regulations, 2018 के अनुसार हॉलमार्किंग के लिए मान्यता प्राप्त हो;
d) कोई भी आभूषण जो चिकित्सा, दंत चिकित्सा, पशु चिकित्सा, वैज्ञानिक या औद्योगिक उद्देश्यों के लिए बनाया गया हो;
e) कोई भी सोने का धागा (Gold Thread);
f) कोई भी निर्मित आभूषण जो पूरी तरह तैयार नहीं है और जिसे आगे निर्माण के लिए बनाया गया हो;
g) किसी भी आकार में सोने का बुलियन (Gold Bullion) – बार, प्लेट, शीट, फॉइल, रॉड, वायर, स्ट्रिप, ट्यूब या सिक्का;
h) कोई भी आभूषण जो भारत सरकार की व्यापार नीति के अनुसार निर्यात और पुन:आयात के लिए बनाया गया हो;
i) अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों (International Exhibitions) के लिए आभूषण;
j) घरेलू व्यवसाय-से-व्यवसाय (Business-to-Business) प्रदर्शनियों के लिए आभूषण, जिसे सरकारी एजेंसी द्वारा अनुमोदित किया गया हो;
k) विशेष श्रेणियों के आभूषण – कुंदन (Kundan), पोलकी (Polki) और जड़ाऊ (Jadaau);
l) जिन ज्वेलर्स का वार्षिक कारोबार 40 लाख रुपये तक है;
m) सोने की घड़ी और फाउंटेन पेन (Gold Watch and Fountain Pen)।
10. छूटों में ‘Substantially Complete’ की परिभाषा क्या है?
QCO में निर्दिष्ट के अनुसार, कोई भी निर्मित आभूषण/वस्तु जो आगे निर्माण के लिए नहीं बनाई गई है, उसे ‘Substantially Complete’ माना जाना चाहिए।
11. क्या QCO में दी गई छूटें उन जिलों पर भी लागू होंगी जो अनिवार्य हॉलमार्किंग के दायरे में नहीं आते हैं?
QCO केवल उन जिलों पर लागू होगा जो अनिवार्य हॉलमार्किंग आदेश में समय-समय पर संशोधित रूप में उल्लिखित हैं और जो BIS वेबसाइट पर हॉलमार्किंग सेक्शन में उपलब्ध हैं।
12. क्या ऐसे आभूषणों को हॉलमार्क करना आवश्यक है जिनका वजन 2 ग्राम से कम हो या जिनके अलग होने योग्य भागों का वजन 2 ग्राम से कम हो?
2 ग्राम तक के वजन वाले कुछ आभूषणों के डिज़ाइनों पर हॉलमार्क करना कठिन होने के कारण, इन आभूषणों को अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी गई है। हालांकि, यदि ज्वेलर चाहे, तो इन्हें हॉलमार्किंग से पहले IS 1418 के अनुसार परीक्षण के बाद AHCs द्वारा हॉलमार्क किया जा सकता है।
13. क्या थोक विक्रेता या निर्माता HUID के बिना आभूषण संग्रहीत कर सकते हैं?
हॉलमार्किंग आदेश में दी गई छूट के अनुसार, कोई भी निर्मित आभूषण/वस्तु जो पूरी तरह तैयार नहीं है और जिसे आगे निर्माण के लिए बनाया गया है, वह अनिवार्य हॉलमार्किंग आदेश से मुक्त है।
हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि निर्माता, थोक विक्रेता, वितरक और खुदरा विक्रेता की श्रृंखला में प्रथम बिक्री बिंदु पर हॉलमार्किंग अनिवार्य है।
14. क्या ज्वेलर अनिवार्य जिलों में हॉलमार्किंग किए बिना आभूषण विपणन या अनुमोदन (Marketing/Approval) के लिए भेज सकता है?
23 जून 2021 के अनिवार्य हॉलमार्किंग आदेश के अनुसार, कोई भी आभूषण जो भारत में सरकार द्वारा अनुमोदित घरेलू व्यवसाय-से-व्यवसाय (Business-to-Business) प्रदर्शनियों के लिए परिवहन किया जा रहा है, वह अनिवार्य हॉलमार्किंग से मुक्त है।
विस्तृत दिशानिर्देश BIS वेबसाइट पर निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध हैं: https://www.bis.gov.in/wp-content/uploads/2022/01/QCO_HMD.pdf
15. अनिवार्य जिलों में ज्वेलर के पास उपलब्ध ऐसे आभूषणों के लिए, जिन पर हॉलमार्किंग छूट दी गई है और जो निर्यात या प्रदर्शनी (Export/Exhibition) के लिए हैं, BIS के दिशानिर्देश क्या हैं?
सोने के आभूषणों और कलाकृतियों के निर्यात या प्रदर्शनी (Export/Exhibition) के लिए छूट के संबंध में BIS के दिशानिर्देश BIS वेबसाइट पर निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध हैं:
https://www.bis.gov.in/wp-content/uploads/2022/01/QCO_HMD.pdf
16. जिन ज्वेलर्स का वार्षिक कारोबार 40 लाख रुपये तक है, उन्हें अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी गई है। हालांकि, यदि वही ज्वेलर हॉलमार्क किए हुए आभूषणों के साथ-साथ बिना हॉलमार्क के आभूषण भी बेचना चाहता है, तो क्या वह ऐसा कर सकता है?
हाँ, बशर्ते कि ज्वेलर BIS के साथ पंजीकृत हो।
17. क्या कोई ज्वेलर गैर- अनिवार्य जिले में हॉलमार्क किए हुए आभूषण भी बेच सकता है?
हाँ, बशर्ते कि ज्वेलर BIS के साथ पंजीकृत हो।
18. उन प्राचीन आभूषणों (Antique Jewellery) या विरासत वस्तुओं (Heirlooms) के मामले में हॉलमार्किंग की प्रक्रिया क्या होगी जो IS 1417 में सूचीबद्ध 6 कैरेट रेटिंग में शामिल नहीं हैं? कृपया ध्यान दें कि इन आभूषणों को उनकी अनोखी विशेषताओं के कारण पिघलाया नहीं जा सकता।
अनिवार्य जिलों में बेचे जाने वाले किसी भी आभूषण को IS 1417 में निर्दिष्ट ग्रेड के अनुसार हॉलमार्क किया जाना चाहिए। यह भी ध्यान देने योग्य है कि ज्वेलर्स को अपने पुराने बिना हॉलमार्क वाले आभूषणों का स्टॉक खत्म करने के लिए पर्याप्त समय (लगभग 2 साल) दिया गया था।
हालांकि, यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि किसी भी आभूषण को IS 1417 के अनुसार अगले निचले ग्रेड/शुद्धता में हॉलमार्क किया जा सकता है।
19. ज्वेलर द्वारा उपभोक्ताओं को जारी किए जाने वाले आभूषण के बिल में कौन-कौन से विवरण शामिल किए जाने चाहिए?
बिल या बिक्री चालान (Invoice) में प्रत्येक आभूषण का विवरण, कीमती धातु का शुद्ध वजन (Net Weight), कैरेट और फिनेस (Purity in Carat and Fineness), तथा हॉलमार्किंग शुल्क (Hallmarking Charges) शामिल होना चाहिए।
साथ ही यह भी उल्लेख किया गया है कि “उपभोक्ता हॉलमार्क किए गए आभूषण/कलाकृतियों की शुद्धता किसी भी BIS मान्यता प्राप्त A&H केंद्र से सत्यापित करवा सकते हैं।”
20. भारत में आयात किए जा रहे आभूषणों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग कैसे लागू होती है?
आभूषणों को भारत में आयात किया जा सकता है और केवल तब ही पंजीकृत ज्वेलर द्वारा बेचा जा सकता है जब इसे BIS मान्यता प्राप्त हॉलमार्किंग केंद्र द्वारा परीक्षण और हॉलमार्क किया गया हो।
21. क्या सोने के बुलियन (Gold Bullion) और सिक्कों (Coins) पर भी अनिवार्य हॉलमार्किंग आदेश लागू होता है?
नहीं, यह आदेश केवल सोने के आभूषणों और कलाकृतियों पर लागू होता है। 999/995 शुद्धता वाले सोने के बुलियन/सिक्कों को केवल BIS द्वारा अनुमोदित रिफाइनरी/मिंट्स द्वारा हॉलमार्क करने की अनुमति है (जैसा कि 31 जुलाई 2023 को, 46 लाइसेंस प्राप्त रिफाइनरी संचालन में हैं)।
BIS लाइसेंस प्राप्त रिफाइनरी/मिंट्स की सूची BIS वेबसाइट www.bis.gov.in पर उपलब्ध है।
22. क्या ज्वेलर्स के लिए हॉलमार्किंग पोर्टल के माध्यम से आभूषणों को AHC भेजना अनिवार्य है?
ज्वेलर्स के लिए हॉलमार्किंग पोर्टल के माध्यम से आभूषणों को AHC भेजने की सुविधा उपलब्ध है और यह सलाह दी जाती है कि ज्वेलर्स इसे प्राथमिक विकल्प के रूप में उपयोग करें।
हालांकि, अस्सेइंग और हॉलमार्किंग गतिविधियों के लिए विकसित नए हॉलमार्किंग सिस्टम के तहत एक प्रावधान भी सक्षम किया गया है, जिसमें ज्वेलर्स पोर्टल का उपयोग किए बिना भी आभूषणों को AHC भेज सकते हैं और AHC कर्मी ज्वेलर की ओर से हॉलमार्किंग अनुरोध (Hallmarking Request) शुरू करेंगे।
23. क्या नए हॉलमार्क के साथ छह अंकों वाले HUID नंबर के परिचय के बाद पहले से हॉलमार्क किए गए आभूषणों को फिर से हॉलमार्क करना आवश्यक है?
हाँ, यदि ज्वेलर यह पुराने हॉलमार्क किए हुए आभूषण बेचना चाहता है, तो अब इसे बिक्री से पहले 03 मार्च 2023 और 31 मार्च 2023 के संशोधन अनुसार अनिवार्य हॉलमार्किंग आदेश के तहत फिर से हॉलमार्क कराना आवश्यक है।
ज्वेलरी को HUID के साथ मौजूदा हॉलमार्क के साथ फिर से हॉलमार्क किया जा सकता है, या ज्वेलर की इच्छा के अनुसार मौजूदा हॉलमार्क को AHC में मिटाया जा सकता है।
24. क्या हॉलमार्क किए हुए आभूषणों को फिर से हॉलमार्क किया जा सकता है यदि हॉलमार्क भाग क्षतिग्रस्त या मिटा दिया गया हो?
हॉलमार्क किए हुए आभूषणों को पूरी अस्सेइंग प्रक्रिया (Assaying) के बाद ही फिर से हॉलमार्क किया जा सकता है और केवल तभी जब यह संबंधित भारतीय मानक (Indian Standard) के अनुरूप पाया जाए।
25. यदि कोई ज्वेलरी, जिसे छह अंकों वाले HUID नंबर के साथ हॉलमार्क किया गया है, ग्राहक को बेचने के बाद ज्वेलर के पास वापस लौटाई जाती है, तो क्या उसका हॉलमार्क वैध रहेगा?
ज्वेलरी पर हॉलमार्क तब भी वैध रहता है यदि इसे ग्राहक द्वारा बिक्री के बाद ज्वेलर के पास वापस किया जाए।
26. क्या हॉलमार्क वैध रहेगा यदि कोई ज्वेलर छह अंकों वाले HUID नंबर के साथ हॉलमार्क किए गए आभूषण को पिघलाकर उससे नया आभूषण बनाने का निर्णय ले?
ज्वेलर पुराने आभूषण को पिघलाकर नया आभूषण बना सकता है और इसे बेचने से पहले अस्सेइंग और हॉलमार्किंग के लिए विकसित नए हॉलमार्किंग सिस्टम के तहत नए छह अंकों वाले HUID नंबर के साथ हॉलमार्क करवा सकता है।
27. क्या पुराने हॉलमार्क किए हुए HUID के साथ आभूषण को पिघलाने की स्थिति में HUID निष्क्रिय/अक्षम कर दिया जाएगा?
ज्वेलर पुराने आभूषण को पिघलाकर नया आभूषण बना सकता है और इसे बेचने से पहले अस्सेइंग और हॉलमार्किंग के लिए विकसित नए हॉलमार्किंग सिस्टम के तहत नए छह अंकों वाले HUID नंबर के साथ हॉलमार्क करवा सकता है।
HUID के साथ पुराने आभूषण को पिघलाने की स्थिति में, पुराने HUID को निष्क्रिय/अक्षम करने का प्रावधान वर्तमान में विकासाधीन है।
28. ज्वेलर्स आभूषण में 2 ग्राम तक या इसके वजन का 50%, जो भी कम हो, परिवर्तन कर सकते हैं। इसे ऑनलाइन सिस्टम में कैसे प्रदर्शित किया जाएगा?
वर्तमान में, ऑनलाइन सिस्टम में आभूषण में किए गए परिवर्तनों को प्रदर्शित करने का कोई प्रावधान नहीं है।
29. क्या व्हाइट गोल्ड (White Gold) अनिवार्य हॉलमार्किंग के अंतर्गत आता है?
हाँ, व्हाइट गोल्ड मिश्रधातु (Alloy) अनिवार्य हॉलमार्किंग के अंतर्गत आती है।
30. क्या सोने के साथ एक या अधिक धातुओं को मिलाकर बनाए गए आभूषण अनिवार्य हॉलमार्किंग के अंतर्गत आते हैं?
यदि किसी मिश्रधातु (Alloy) को सोने के साथ एक या अधिक धातुओं को मिलाकर बनाया गया है और यह IS 1417 में निर्दिष्ट ग्रेड के अनुरूप पाया जाता है, तो वह आभूषण अनिवार्य हॉलमार्किंग के अंतर्गत आएगा।
31. चूंकि हॉलमार्किंग प्रथम बिक्री बिंदु पर की जाती है, तो अंतिम बिक्री बिंदु (ग्राहक को) पर आभूषण की शुद्धता में कोई कमी पाए जाने पर इसे बेचने वाले ज्वेलर की क्या जिम्मेदारी होगी?
BIS हॉलमार्किंग नियमों के अनुसार:
i. जिस पंजीकृत ज्वेलर द्वारा आभूषण हॉलमार्क किया जाता है, वह आभूषण की शुद्धता और फिनेस (Fineness) के लिए जिम्मेदार होगा।
ii. जिस पंजीकृत ज्वेलर द्वारा बिक्री की जाती है, वह नियमों के अनुसार शुद्धता या फिनेस में किसी भी कमी के लिए मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार होगा।
32. क्या निर्माता, ज्वेलर, या दोनों हॉलमार्क किए हुए आभूषण पर अपना/अपने मार्क लगा सकते हैं?
हॉलमार्क किए हुए आभूषणों पर निम्नलिखित मार्क्स अनिवार्य हैं:
i. BIS स्टैंडर्ड मार्क (BIS लोगो)
ii. कैरेट और फिनेस में शुद्धता
iii. छह अंकों वाला HUID नंबर
इनके अलावा, निर्माता या ज्वेलर अपने/अपने मार्क हॉलमार्क किए हुए आभूषणों/कलाकृतियों पर लगा सकते हैं।
33. सर्विलांस (Surveillance) के लिए उसके आउटलेट पर BIS कर्मी के आने पर ज्वेलर की क्या जिम्मेदारियां होती हैं?
पंजीकृत/प्रमाणित ज्वेलर को BIS प्रतिनिधि के साथ सहयोग करना होगा ताकि रिटेल आउटलेट में बिक्री के लिए उपलब्ध हॉलमार्क किए हुए सोने/चांदी के आभूषणों/कलाकृतियों के नमूने (Sample) एकत्र किए जा सकें।
नमूने (Sample) एकत्र किए जाएंगे ताकि उनकी भारतीय मानक (Indian Standard) और अंकित शुद्धता (Fineness) के अनुरूपता की पुष्टि की जा सके।
34. हॉलमार्क किए गए नमूने में विफलता (Failure) होने पर दंडात्मक कार्रवाई (Penal Action) के लिए कौन जिम्मेदार है?
निर्माता (Manufacturer), थोक विक्रेता (Wholesaler), वितरक (Distributor) और खुदरा विक्रेता (Retailer) में से जिस व्यक्ति ने आभूषण हॉलमार्क करवाया है, वह हॉलमार्क किए गए नमूने में विफलता होने पर दंडात्मक कार्रवाई (Penal Action) के लिए जिम्मेदार होगा।
साथ ही, जिस अस्सेइंग और हॉलमार्किंग केंद्र (Assaying and Hallmarking Centre) ने आभूषण हॉलमार्क किया है, वह भी हॉलमार्क किए गए नमूने में विफलता होने पर समान रूप से दंडात्मक कार्रवाई के लिए जिम्मेदार है।
35. BIS अधिनियम, 2016 के अनुसार हॉलमार्क के दुरुपयोग (Misuse) के लिए दंड (Penalty) के क्या प्रावधान हैं?
i) BIS अधिनियम, 2016 की धारा 29 की उप-धारा (2) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो धारा 14 की उप-धारा (6) या (8) या धारा 15 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे एक वर्ष तक की कारावास या कम से कम एक लाख रुपये का जुर्माना, जो उत्पादित या बेचे गए या बिक्री के लिए प्रस्तुत किए गए या मानक मार्क सहित हॉलमार्क लगाए गए वस्तुओं/आभूषणों के मूल्य का पांच गुना तक हो सकता है, या दोनों के साथ दंडनीय होगा।
ii) BIS अधिनियम, 2016 की धारा 29 की उप-धारा (3) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो धारा 17 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे पहले उल्लंघन के लिए दो साल तक की कारावास या कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना और दूसरे और उसके बाद के उल्लंघनों के लिए कम से कम पांच लाख रुपये का जुर्माना, जो उत्पादित या बेचे गए या बिक्री के लिए प्रस्तुत किए गए या मानक मार्क सहित हॉलमार्क लगाए गए वस्तुओं/आभूषणों के मूल्य का दस गुना तक हो सकता है, या दोनों के साथ दंडनीय होगा।
36. किन परिस्थितियों में ज्वेलर का पंजीकरण/प्रमाणन रद्द किया जा सकता है?
हॉलमार्किंग विनियमन 2018 के विनियमन 7 के अनुसार, ब्यूरो निम्नलिखित परिस्थितियों में ज्वेलर का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर सकता है:
(a) यदि ज्वेलर द्वारा दी गई कोई भी घोषणा गलत या असत्य पाई जाती है;
(b) पंजीकृत/प्रमाणित ज्वेलर ने पंजीकरण प्रमाणपत्र की किसी भी शर्त का उल्लंघन किया हो;
(c) पंजीकृत/प्रमाणित ज्वेलर ने हॉलमार्क किए गए कीमती धातु के आभूषण की बिक्री की हो या बिक्री के लिए पेश किया हो, जिसकी शुद्धता या फिनेस आभूषण पर अंकित या दावा की गई मात्रा से कम हो;
(d) पंजीकृत/प्रमाणित ज्वेलर ने सर्विलांस या शिकायत की जांच के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए ब्यूरो के अधिकृत प्रतिनिधि के साथ सहयोग नहीं किया हो;
(e) पंजीकृत/प्रमाणित ज्वेलर किसी भी अनुचित प्रथाओं में लिप्त पाया गया हो, जो हॉलमार्क के दुरुपयोग के रूप में आती हों।
37. ज्वेलर के पंजीकरण/प्रमाणन को रद्द करने की प्रक्रिया क्या है?
हॉलमार्किंग विनियमन 2018 के विनियमन 7 के अनुसार:
i. पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द करने से पहले, ब्यूरो पंजीकृत ज्वेलर को प्रमाणपत्र रद्द करने के अपने इरादे की सूचना देगा और इसके कारण बताएगा।
ii. सूचना प्राप्त होने के बाद, ज्वेलर ब्यूरो को सूचना प्राप्ति की तिथि से 14 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत कर सकता है।
iii. जब स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया जाता है, तो ब्यूरो स्पष्टीकरण पर विचार कर सकता है और पंजीकृत ज्वेलर को व्यक्तिगत सुनवाई दे सकता है।
iv. अपराध के समझौते (Compounding of the offence) के मामले में, प्रमाणपत्र रद्द करने की प्रक्रिया नहीं की जाएगी।
v. यदि कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो ब्यूरो सूचना अवधि समाप्त होने पर पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर सकता है।
38. रजिस्ट्रीकरण/प्रमाणीकरण रद्द करने के आदेश के खिलाफ अपील के प्रावधान क्या हैं?
BIS अधिनियम 2016 की धारा 34 के अनुसार:
i. इस अधिनियम की धारा 13 या धारा 14 की उप-धारा (4) या धारा 17 के तहत किए गए आदेश से कोई भी व्यक्ति असंतुष्ट हो, वह ऐसे निर्धारित समयावधि के भीतर ब्यूरो के महानिदेशक के पास अपील कर सकता है (BIS अधिनियम, 2016 की धारा 34(1))।
ii. यदि निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद अपील की जाती है तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा: परंतु, अपीलकर्ता यदि महानिदेशक को यह संतोषजनक रूप से साबित करता है कि उसने निर्धारित अवधि के भीतर अपील न करने का पर्याप्त कारण था, तो अपील स्वीकार की जा सकती है।
iii. इस धारा के तहत की गई प्रत्येक अपील इस प्रकार के फॉर्म में की जाएगी और उसके साथ अपील के खिलाफ किए गए आदेश की एक प्रति और निर्धारित शुल्क संलग्न किया जाएगा।
iv. अपील निपटाने की प्रक्रिया निर्धारित की जा सकती है: परंतु, अपील निपटाने से पहले अपीलकर्ता को सुनवाई का उचित अवसर दिया जाएगा।
v. महानिदेशक स्वेच्छा से या निर्धारित तरीके से किए गए आवेदन पर किसी अधिकारी द्वारा पास किए गए आदेश की समीक्षा कर सकते हैं, जिसे उन्होंने यह शक्ति सौंपा हो।
vi. उप-धारा (1) या उप-धारा (vii) के तहत किए गए आदेश से कोई भी व्यक्ति असंतुष्ट हो, वह ऐसे निर्धारित समयावधि के भीतर ब्यूरो के प्रशासनिक नियंत्रण वाली केंद्रीय सरकार के पास अपील कर सकता है।
39. ज्वैलर के खिलाफ कौन-कौन से दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है?
BIS अधिनियम 2016 की धारा 29 के अनुसार:
i. कोई भी व्यक्ति जो धारा 14 की उप-धारा (6) या (8) या धारा 15 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे एक वर्ष तक की कारावास की सजा या न्यूनतम एक लाख रुपये का जुर्माना, जो उत्पादित या बेचे गए या बिक्री के लिए प्रस्तुत किए गए या स्टैंडर्ड मार्क सहित हॉलमार्क वाले माल या वस्तुओं के मूल्य का पाँच गुना तक बढ़ सकता है, या दोनों के साथ दंडित किया जाएगा: परंतु, यदि उत्पादित या बेचे गए माल या वस्तुओं का मूल्य निर्धारित नहीं किया जा सकता, तो यह माना जाएगा कि एक वर्ष का उत्पादन इस प्रकार के उल्लंघन में था और पिछले वित्तीय वर्ष का वार्षिक कारोबार इस उल्लंघन के लिए माल या वस्तुओं के मूल्य के रूप में लिया जाएगा।
ii. BIS अधिनियम, 2016 की धारा 29 की उप-धारा (3) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो धारा 17 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे पहली बार उल्लंघन पर दो लाख रुपये से कम का जुर्माना या दो वर्ष तक की कारावास, और दूसरी और उसके बाद के उल्लंघनों पर पाँच लाख रुपये से कम का जुर्माना, जो उत्पादित या बेचे गए या बिक्री के लिए प्रस्तुत किए गए या स्टैंडर्ड मार्क सहित हॉलमार्क वाले माल या वस्तुओं के मूल्य का दस गुना तक बढ़ सकता है, या दोनों के साथ दंडित किया जाएगा।
iii. इसके अतिरिक्त, यदि ग्राहक द्वारा पुनः परीक्षण किए जाने पर शुद्धता घोषित शुद्धता से कम पाई जाती है, तो BIS नियम, 2018 के नियम 49 के अनुसार ग्राहक को मुआवजा दिया जाएगा, जो उस वस्तु के वजन पर शुद्धता की कमी के आधार पर गणना की गई राशि का दो गुना और परीक्षण शुल्क होगा।
40. ज्वैलर के लिए जुर्माने के आदेश के खिलाफ कौन-कौन से उपाय उपलब्ध हैं?
(i). माननीय अदालत द्वारा किए गए निर्णय के मामले में, कानूनी प्रक्रिया में लागू उपाय ज्वैलर के लिए उपलब्ध हैं।
(ii). BIS अधिनियम 2016 की धारा 34 के अनुसार BIS द्वारा जुर्माने (संपादन) के मामले में, अपील के प्रावधान निम्नानुसार हैं:
(a) इस अधिनियम की धारा 13 या धारा 14 की उप-धारा (4) या धारा 17 के तहत किए गए आदेश से कोई भी असंतुष्ट व्यक्ति निर्धारित अवधि के भीतर ब्यूरो के महानिदेशक के पास अपील कर सकता है।
(b) यदि निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद अपील की जाती है, तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। परंतु, यदि अपीलकर्ता महानिदेशक को यह संतोषजनक रूप से साबित करता है कि उसने निर्धारित अवधि के भीतर अपील न करने का पर्याप्त कारण था, तो अपील स्वीकार की जा सकती है।
(c) इस धारा के तहत की गई प्रत्येक अपील इस प्रकार के फॉर्म में की जाएगी और उसके साथ अपील के खिलाफ किए गए आदेश की एक प्रति और निर्धारित शुल्क संलग्न किया जाएगा।
(d) अपील निपटाने की प्रक्रिया निर्धारित की जा सकती है: परंतु, अपील निपटाने से पहले अपीलकर्ता को सुनवाई का उचित अवसर दिया जाएगा।
(e) महानिदेशक स्वेच्छा से या निर्धारित तरीके से किए गए आवेदन पर किसी अधिकारी द्वारा पास किए गए आदेश की समीक्षा कर सकते हैं, जिसे उन्होंने यह शक्ति सौंपा हो।
(f) उप-धारा (1) या उप-धारा (5) के तहत किए गए आदेश से कोई भी असंतुष्ट व्यक्ति ऐसे निर्धारित समयावधि के भीतर ब्यूरो के प्रशासनिक नियंत्रण वाली केंद्रीय सरकार के पास अपील कर सकता है।
41. क्या वह ज्वैलर जिसने आभूषणों को हॉलमार्क करवाया और वह AHC जिसने हॉलमार्क किया, दोनों ही मिलकर दोषपूर्ण शुद्धता के मामलों में कार्रवाई के लिए संयुक्त रूप से उत्तरदायी होंगे?
हाँ।
42. क्या उस आभूषण को पुनः हॉलमार्क करना आवश्यक है जिसे पहले ही निर्यात करने वाले देश के हॉलमार्किंग प्रावधानों के अनुसार हॉलमार्क किया जा चुका है?
हाँ; हॉलमार्क किए गए आयातित आभूषण को फिर से हॉलमार्क करना आवश्यक है।
43. कंपाउंडिंग क्या है?
BIS अधिनियम, 2016 की धारा 33 की उप-धारा (1) के अनुसार, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 में निहित किसी भी प्रावधान के बावजूद, कोई भी अपराध जो पहली बार किया गया हो और इस अधिनियम के तहत दंडनीय हो, यदि वह केवल कारावास के दंड योग्य अपराध न हो, या कारावास और जुर्माने दोनों के दंड योग्य न हो, तो किसी भी अभियोजन की शुरुआत से पहले या बाद में, महानिदेशक द्वारा अधिकृत किसी अधिकारी द्वारा निर्धारित तरीके से कंपाउंड किया जा सकता है:
परंतु, निर्दिष्ट राशि किसी भी मामले में उस अपराध के लिए धारा 29 के तहत लगाया जाने वाला अधिकतम जुर्माना से अधिक नहीं होगी; और यदि तीन वर्षों की अवधि समाप्त होने के बाद दूसरा या कोई बाद का अपराध किया जाता है, तो उसे पहली बार किए गए अपराध के रूप में माना जाएगा।
44. ज्वैलर या AHC कब कंपाउंडिंग के लिए आवेदन कर सकता है?
ज्वैलर या AHC कंपाउंडिंग के लिए उस स्थिति में आवेदन कर सकते हैं जब उनके रजिस्ट्रेशन/मान्यता को रद्द करने का प्रस्ताव हो, और हॉलमार्किंग नियम 7(6) और 13(6) के अनुसार, कंपाउंडिंग के मामले में उनका रजिस्ट्रेशन/मान्यता रद्द नहीं की जाएगी। BIS अधिनियम, 2016 की धारा 33(1) के अनुसार, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 में निहित किसी भी प्रावधान के बावजूद, कोई भी अपराध जो पहली बार किया गया हो और इस अधिनियम के तहत दंडनीय हो, यदि वह केवल कारावास के दंड योग्य अपराध न हो, या कारावास और जुर्माने दोनों के दंड योग्य न हो, तो किसी भी अभियोजन की शुरुआत से पहले या बाद में, महानिदेशक द्वारा अधिकृत किसी अधिकारी द्वारा निर्धारित तरीके से कंपाउंड किया जा सकता है:
परंतु, निर्दिष्ट राशि किसी भी मामले में उस अपराध के लिए धारा 29 के तहत लगाया जाने वाला अधिकतम जुर्माना से अधिक नहीं होगी; और यदि तीन वर्षों की अवधि समाप्त होने के बाद दूसरा या कोई बाद का अपराध किया जाता है, तो उसे पहली बार किए गए अपराध के रूप में माना जाएगा।
45. गैर-अनिवार्य जिले का ज्वैलर अपने रजिस्ट्रेशन/प्रमाणीकरण लेने के बाद अपने आभूषणों को हॉलमार्क कैसे करवा सकता है?
रजिस्टर्ड/सर्टिफाइड ज्वैलर निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं:
a) BIS रजिस्टर्ड/सर्टिफाइड ज्वैलर से हॉलमार्क किए गए आभूषण खरीदना।
b) विकल्प के रूप में, वह अपने नजदीकी किसी भी BIS मान्यता प्राप्त हॉलमार्किंग केंद्र से आभूषण हॉलमार्क करवा सकता है।
46. क्या हॉलमार्किंग आवश्यक है जब एक BIS रजिस्टर्ड ज्वैलर अपने आभूषण स्टॉक को अपने किसी अन्य अंतर/आंतरिक बिक्री आउटलेट में ट्रांसफर करता है?
यदि ट्रांसफर उसी PAN नंबर (एक ही कंपनी) के अंतर्गत हो, तो हॉलमार्किंग आवश्यक नहीं है क्योंकि कोई बिक्री नहीं हो रही है, लेकिन उचित दस्तावेज़ के साथ।
47. क्या चालानों में HUID नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य है?
नहीं, वर्तमान में चालानों में HUID नंबर का उल्लेख स्वैच्छिक है।
48. क्या ज्वैलर के लिए HUID नंबर का रिकॉर्ड बनाए रखना अनिवार्य है?
नहीं।
49. रिटेलर HUID से अपने सप्लायर/निर्माता का नाम कैसे पहचान सकता है?
कोई भी ग्राहक/उपयोगकर्ता BIS Care ऐप में ‘Verify HUID’ सुविधा का उपयोग करके HUID नंबर सत्यापित कर सकता है और सप्लायर/निर्माता के रजिस्ट्रेशन नंबर से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकता है। सप्लायर/निर्माता का नाम सहित अन्य जानकारी BIS वेबसाइट पर खोजी जा सकती है: www.manakonline.in
50. क्या ज्वैलर चालान में सोने का विवरण उल्लेख कर सकता है, जैसे कि 18k गोल्ड पोलकी ज्वैलरी पोलकी/कुंदन के मामले में? क्या वह सकल वजन और शुद्ध वजन भी उल्लेख कर सकता है?
यदि कोई भी आभूषण हॉलमार्क किया गया है, जिसमें पोलकी/कुंदन शामिल हैं, तो हॉलमार्क किए गए कीमती धातु के आभूषणों की बिक्री का बिल या चालान अलग-अलग यह संकेत करेगा: प्रत्येक आभूषण का विवरण, कीमती धातु का शुद्ध वजन, कैरेट और फिनेस में शुद्धता, और हॉलमार्किंग शुल्क।
51. क्या यह अनुमति है कि निर्माता, BIS रजिस्टर्ड खरीदार/रिटेलर की ओर से अपने चालान पर आभूषण सीधे AHC को भेजे, जबकि खरीदार/रिटेलर हॉलमार्किंग के लिए BIS AHC पोर्टल पर ऑनलाइन अनुरोध भेजता है?
निर्माता, होलसेलर, वितरक और रिटेलर की श्रृंखला में, आभूषण को हॉलमार्क कराने की जिम्मेदारी उस व्यक्ति पर होती है जिसने पहली बिक्री की। इसलिए, पूरे श्रृंखला में हॉलमार्किंग केवल एक बार की जानी चाहिए और यह उस व्यक्ति द्वारा की जानी चाहिए जिसने पहली बिक्री की हो, जो कि निर्माता, होलसेलर, वितरक या रिटेलर हो सकता है। हालांकि, यदि इच्छित हो, तो रिटेलर हॉलमार्किंग के बाद अपने मार्क/लोगो/ब्रांड को हॉलमार्क करवा सकता है।
52. यदि किसी गैर-अनिवार्य जिले में ग्राहक अनुमति सीमा से अधिक बदलाव कराता है और आभूषण को हॉलमार्क करवाने पर जोर देता है, तो क्या होता है?
यदि किए गए बदलाव अनुमति सीमा से अधिक हैं, तो आभूषण को पुनः हॉलमार्क करना आवश्यक है और यह किसी भी नजदीकी BIS मान्यता प्राप्त AHC से किया जा सकता है।