
आई एस 19341:2025
प्राकृतिक चिकित्सा सिर की मालिश चिकित्सा — रीति संहिता
यह भारतीय मानक प्राकृतिक चिकित्सा मस्तक मालिश उपचार की प्रक्रिया, आवश्यकताओं तथा सर्वोत्तम प्रथाओं को परिभाषित करने के लिए एक व्यापक एवं सुव्यवस्थित रूपरेखा प्रदान करता है। स्वास्थ्य संवर्धन, रोगों की रोकथाम और समग्र कल्याण में प्राकृतिक चिकित्सा के चिकित्सीय महत्व को स्वीकार करते हुए, यह मानक इस बात पर बल देता है कि यह चिकित्सा एक संगठित एवं वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो रक्त परिसंचरण में सुधार, तनाव निवारण तथा गहन विश्राम प्राप्त करने में सहायक होती है। यह पारंपरिक भारतीय उपचार पद्धतियों को आधुनिक प्रक्रियात्मक मानकों के साथ समन्वित करती है।
यह मानक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्रों और चिकित्सकों पर लागू होता है तथा इसमें आवश्यक शब्दावली, कार्य-क्षेत्र और प्रक्रिया संबंधी व्यवस्था का विस्तृत विवरण दिया गया है। इसमें यह अनिवार्य किया गया है कि उपचार एक साफ-सुथरे, हवादार, सुरक्षित तथा स्वच्छ वातावरण में किया जाए, जिसमें उचित प्रकाश व्यवस्था और स्वच्छता सुनिश्चित हो। मानक में उपचार हेतु आवश्यक कर्मचारियों, उपकरणों और सामग्रियों — जैसे स्नेहक, मालिश कुर्सी/स्टूल, सुरक्षात्मक एप्रन, तथा टाइमिंग उपकरण — की संख्या और गुणवत्ता स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई है, जिससे कार्य में एकरूपता और सुरक्षा बनी रहे।
मानक में मस्तक मालिश के क्रमबद्ध आंदोलनों जैसे — स्पर्श, अंगुली-दबाव, थपथपाना, कंपन और स्ट्रोकिंग — का क्रम विस्तारपूर्वक वर्णित है। साथ ही, इसमें पूर्व-प्रक्रिया और पश्च-प्रक्रिया आवश्यकताओं, स्वच्छता, सूचित सहमति तथा प्रशिक्षित चिकित्सक की निगरानी को भी आवश्यक बताया गया है।
पूरक प्रावधानों में उपयोग की गई सामग्रियों के निपटान, स्वच्छीकरण और अनुरक्षण की प्रक्रिया निर्धारित की गई है, ताकि उपचार का वातावरण संदूषण-मुक्त बना रहे। यह रूपरेखा भारत में प्राकृतिक चिकित्सा सेवाओं की चिकित्सीय प्रक्रियाओं का मानकीकरण, रोगी सुरक्षा में वृद्धि, तथा पेशेवर उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य रखती है।
Last Updated on October 17, 2025