
भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में भारतीय मानक ब्यूरो, मानकों का विकास और उत्पाद प्रमाणन, अनिवार्य पंजीकरण योजना, हॉलमार्किंग और प्रबंधन पद्धति प्रमाणन जैसी विभिन्न अनुरूपता मूल्यांकन योजना का संचालन कर उन्हें कार्यान्वित करता है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के पास नई दिल्ली में अपने मुख्यालय में एक संपूर्ण उपभोक्ता मामलों का विभाग है जो अपने सभी क्षेत्रीय और शाखा कार्यालयों में उपभोक्ताओं को उनकी शिकायतों / शिकायतों का त्वरित ध्यान और त्वरित निवारण प्रदान करने के लिए सार्वजनिक शिकायत अधिकारियों के साथ कार्य करता है।
बीआईएस उपभोक्ताओं के हित में बीआईएस की विभिन्न गतिविधियों से संबंधित ब्रोशर प्रकाशित करता है। शाखा कार्यालयों / क्षेत्रीय कार्यालयों और मुख्यालय द्वारा इन ब्रोशर का उपयोग जरूरत पड़ने पर, जैसे कि उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रमों के दौरान वितरण के लिए ब्रोशर का उपयोग, किया जाता है । विभिन्न विषयों पर ब्रोशर के कुछ लिंक नीचे दिए गए हैं।
स्टैंडर्डस् इंडिया, पाक्षिक रूप से प्रकाशित की जाने वाली एक द्विभाषी पत्रिका है, जिसमें तकनीकी और उपभोक्ता हित से जुड़े मानकीकरण विषयों के साथ-साथ उद्योगों, अनुसंधान संस्थानों और सरकारी विभागों के प्रख्यात पेशेवरों द्वारा लिखे लेख और तकनीकी प्रकृति के समाचार शामिल हैं। यह नवीनतम भारतीय मानकों, भारतीय मानकों के संशोधनों, वापस लिए गए मानकों, परिचालित मानक मसौदों के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों और ब्यूरो के विकास के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
बीआईएस एक सुस्थापित शिकायत निवारण प्रक्रिया का अनुसरण करता है। उपभोक्ता मामले विभाग में शिकायतों को केन्द्रीय रूप से दर्ज किया जाता है। ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से शिकायतें की जा सकती हैं। ऑनलाइन शिकायत मोबाइल ऐप बीआइएस केयर ‘BIS CARE’ के माध्यम से या ‘उपभोक्ता कार्यक्रम पोर्टल’ के माध्यम से की जा सकती है। शिकायत मिलने पर इसकी जांच की जाती है और इसके निवारण के लिए आगे की कार्रवाई की जाती है।
बीआईएस मनाता है विश्व स्टैंन्डिस ने प्रतिबद्धता क्षेत्रीय और शाखा कार्यालयों की घोषणा के साथ बीआईएस के विज़न, मिशन और उद्देश्यों को शामिल करते हुए एक नागरिक चार्टर विकसित किया है।
बीआईएस मानक मुहर गुणता का एक चिह्न है और इसने गत छह दशक से अधिक समय से अपनी ब्रांड छवि भी स्थापित की है क्योंकि उपभोक्ता हमेशा गुणता वाले उत्पादों की ओर झुकाव रखते हैं। तथापि उपभोक्ता के साथ साथ संगठित खरीदार भी बीआईएस मानक मुहर वाले उत्पादों को पसंद करते हैं। बीआईएस मानक मुहर की बढ़ती लोकप्रियता के साथ साथ, मुहर के दुरुपयोग के मामले भी बढ़ रहे हैं क्योंकि धोखेबाज विनिर्माता बीआईएस से लाइसेंस प्राप्त किए बिना बीआईएस मानक मुहर के उपयोग से उपभोक्ताओं को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। बीआईएस द्वारा मानक मुहर के दुरूपयोग और बीआईएस वैध लाइसेंस प्रमाणपत्र नहीं लेने वाले व्यापारियों और विनिर्माताओं द्वारा मानक मुहर या इसके अनुकरण के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए प्रवर्तन गतिविधियॉ संचालित की जाती हैं। इस प्रकार की कार्रवाई से उपभोक्ताओं को बीआईएस मानक मुहारांकित उत्पादों की गुणता के बारे में गुमराह होने से रोकने में भी मदद मिलती है। प्राप्त खुफिया जानकारी के आधार पर मानक मुहर का दुरुपयोग कर रहे व्यापारियों और निर्माताओं के खिलाफ प्रवर्तन छापे, जिसमें तलाशी और जब्ती अभियान चलाया जाना शामिल हैं और उनके खिलाफ आवश्यकतानुसार न्यायालय में मुकदमा भी दायर किया जाता है।
1. उपभोक्ता मामले विभाग की प्रमुख गतिविधियाँ क्या हैं?
a) उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम b) उद्योग जागरूकता कार्यक्रम c) मानक कार्यक्रमों का शैक्षिक उपयोग (ईयूएस)
2. उपभोक्ता मामले विभाग का उद्देश्य क्या है?
उपभोक्ता मामले विभाग, भारतीय मानक ब्यूरो और उपभोक्ताओं के बीच बीआइएस गतिविधियों के क्षे़त्र के अंतर्गत एक इंटरफेस है। उपभोक्ता मामले विभाग का मुख्य उद्देश्य बीआईएस के उपभोक्ताओं को शिक्षित करना और उनके हितों की संरक्षा करना है।
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Last Updated on फ़रवरी 14, 2022