हाँ, उपभोक्ता अपने पास रखे पुराने बिना हॉलमार्क वाले आभूषण को जौहरी को बेच सकते हैं। जौहरी उस आभूषण को गला सकता है और वह उसका नया आभूषण बनाकर हॉलमार्क लगाकर उसे पुनः बिक्री कर सकता है।
i) कीमती धातु की वस्तुओं को बेचने वाला कोई विनिर्माता, थोक बिक्रेता, वितरक या खुदरा विक्रेता के रूप में कार्यरत व्यक्ति को अनिवार्य रूप से बीआईएस में पंजीकरण कराना होगा।
ii) इस प्रकार निम्नलिखित के लिए पंजीकरण अपेक्षित होगा:
क) विनिर्माता, जो हॉलमार्क लगे सोने के आभूषणों की थोक विक्रेता, वितरक, खुदरा विक्रेता या अंतिम ग्राहक को बेचने वाला विक्रेता को इनकी बिक्री करता है।
ख) थोक विक्रेता, जो हॉलमार्क लगे सोने के आभूषणों की बिक्री करने वाले वितरक, खुदरा विक्रेता या अंतिम ग्राहक को बेचने वाला विक्रेता को इनकी बिक्री करता है।
ग) वितरक, जो हॉलमार्क लगे सोने के आभूषणों की बिक्री खुदरा विक्रेता या अंतिम ग्राहक को बेचने वाला विक्रेता को इनकी बिक्री करता है।
घ) खुदरा विक्रेता, जो हॉलमार्क लगे सोने के आभूषणों की बिक्री अंतिम ग्राहक को बेचने वाला विक्रेता को इनकी बिक्री करता है।
iii. यह भी सूचित किया जाता है कि ऐसे कारीगर या विनिर्माता जो आभूषणों के छुटपुट काम के आधार पर सोने के आभूषणों का निर्माण करते हैं और वे विनिर्माता, थोक विक्रेता, वितरक और खुदरा विक्रेता जैसी श्रृंखला में लोगों को इनकी सीधे बिक्री करने से संबंधित नहीं रखते हैं, तो उन्हें पंजीकरण कराने से छूट दी जा सकती है। तथापि, उन्हें अपनी स्थिति के दावे के समर्थन में दस्तावेज़ रखने होंगे।
iv. रुपए 40 लाख तक की टर्नओवर वाले जौहरी अनिवार्य हॉलमार्किंग के दायरे में नही आते है। लेकिन यदि वे हॉलमार्क आभूषण बेचना चाहते हो तो पंजीकरण करवा सकते है।
विनिर्माता, थोक बिक्रेता, वितरक या खुदरा विक्रेता की श्रृंखला में, जो बिक्री के प्रथम बिन्दु पर कार्य करता है, वह हॉलमार्क लगाने के लिए जिम्मेदार होगा। इसप्रकार संपूर्ण श्रृंखला में हालमार्किंग केवल एक बार करने की आवश्यकता है और यह केवल उसके द्वारा किया जाना है, जो पहली बिक्री करता है, जो विनिर्माता या थोक विक्रेता या वितरक या खुदरा विक्रेता कोई भी हो सकता है।
अनिवार्य हॉलमार्किंग आदेश के अंतर्गत निम्नलिखित छूटें हैं:
(क) निर्यात के लिए बनी कोई ऐसी वस्तु, जो विदेशी क्रेता द्वारा अपेक्षित किसी विशिष्टि के अनुरूप हो;
(ख) दो ग्राम भार से कम वजन की कोई वस्तु;
(ग) हॉलमार्किंग हेतु भारतीय मानक ब्यूरो (हॉलमार्किग) विनियम, 2018 के अनुसार कोई ऐसी वस्तु जो भारत में किसी एसेइंग एवं हॉलमार्किग केंद्र को भारत के बाहर से परेषण के दौरान हो;
(घ) कोई ऐसी वस्तु जिसका उपयोग चिकित्सा, दंत चिकित्सा, पशुविज्ञान, वैज्ञानिक या औद्योगिक प्रयोजनों हेतु होना हो;
(ड़) स्वर्ण धागे की कोई वस्तु;
(च) कोई विनिर्मित ऐसी वस्तु जो पूरी तरह से निर्मित नहीं की गई हो, और जिसमें और निर्माण होना हो;
(h) Export and re-import of jewellery as per Trade policy of Government of India.
(ज) भारत सरकार की व्यापार नीति के अनुसार आभूषण का निर्यात एवं पुनःआयात।
(झ) अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों हेतु आभूषण।
(ञ) सरकारी एजेंसी द्वारा अनुमोदित घरेलू व्यवसाय-से-व्यसाय प्रदर्शनियों हेतु आभूषण।
(ट) आभूषणों की विशेष श्रेणियाँ- कुंदन, पोल्की तथा जडाऊ।
(ठ) रुपये 40 लाख प्रति वर्ष से कम वार्षिक टर्नओवर वाले आभूषण।
(ड) सोने की घड़ी और फाउंटेन पैन।
i) जौहरी को पहले ई-बीआईएस वेबसाइट अर्थात् www.manakonline.in पर जाना होगा और ‘हॉलमार्किंग’ शीर्षक का चयन करना होगा।
ii) लॉगइन पर क्लिक करें।
iii) क्रिएट अकाउंट’ पर क्लिक करें।
iv) अपेक्षित विवरण भरने के जरिए पंजीकरण प्रपत्र भरें।
v) यूजर आईडी जनरेट होती है और जौहरी को उसके पंजीकृत संपर्क नंबर पर भेजी जाती है।
vi)संदेश के माध्यम से पंजीकृत संपर्क नंबर पर प्राप्त हुए क्रेडेंसियल्स का प्रयोग करके लॉगइन करें और ऑनलाइन आवेदन प्रपत्र भरें।
vii) प्रपत्र जमा करें और तुरंत पंजीकरण प्रदान किया जाता है।
जौहरी की ओर से, सर्वप्रथम जौहरी को ई-बीआईस अर्थात् www.manakonline.in पर विजिट करने की जरूरत है एवं ‘हॉलमार्किंग’ शीर्षक का चयन करें। स्टेप की इस सूची का अनुकरण करते हुये पोर्टल के माध्यम से एसेइंग एवं हॉलमार्किंग केंद्र को नियमानुसार आभूषणों को भेजने के लिए सुनारों द्वारा अनुकरण किया जायें:
» यूजरनेम एवं पासवर्ड के साथ लॉगइन करें
» हॉलमार्किंग’ शीर्षक पर क्लिक करें
» नये अनुरोध उत्पन्न करने के लिए ‘नये अनुरोध टैब’ पर क्लिक करें
» एएचसी चयन करें और वस्तु श्रेणी, मात्रा, वस्तु श्रेणी वजन, एवं जौहरी के हॉलमार्किंग अनुरोध पेज में घोषित शुद्धता जैसे अपेक्षित विवरण भरें।