माह का मानक


SP 72 : 2025

भारत की राष्ट्रीय प्रकाश संहिता 2025 ( पहला पुनरीक्षण )

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री श्री बी. एल. वर्मा द्वारा विश्व मानक दिवस 2025 के अवसर पर शुभारंभ किया गया यह भारतीय मानक, भारत के निर्मित पर्यावरण में प्रकाश व्यवस्था के डिज़ाइन, स्थापना, अनुरक्षण और अनुप्रयोग के लिए एक व्यापक तथा अद्यतन रूपरेखा प्रदान करता है। यह संशोधित संस्करण, वर्ष 2010 के संस्करण के पश्चात्, प्रकाश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और स्थिरता के क्षेत्र में हुए आधुनिक विकासों का समेकन करता है। मानव स्वास्थ्य, सुरक्षा, सुविधा और उत्पादकता पर प्रकाश के महत्वपूर्ण प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, इस संहिता में प्रकाश अभियंत्रण, प्रकाश मापन, प्रकाश उपकरण तथा ऊर्जा दक्षता से संबंधित दिशा-निर्देश सम्मिलित किए गए हैं, जो प्रकाश के दृश्य और अविदृश्य दोनों प्रकार के प्रभावों को संबोधित करते हैं।

संशोधित संहिता में प्रकाश उद्योग में हुए प्रमुख परिवर्तनों को सम्मिलित किया गया है, जिनमें पारंपरिक प्रकाश स्रोतों — जैसे फ्लोरोसेंट, हैलोजन तथा मरकरी वेपर लैंप — से एलईडी और ठोस-अवस्था प्रकाश व्यवस्था की ओर संक्रमण प्रमुख है, जो वर्तमान में उद्योग के मानक बन चुके हैं। इसमें स्मार्ट और कनेक्टेड प्रकाश व्यवस्था, जो इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) तकनीक पर आधारित हैं, को भी शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, इसमें नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों के एकीकरण, मानव-केंद्रित प्रकाश व्यवस्था, तथा पराबैंगनी (UV)-आधारित जीवाणुनाशक प्रकाश तकनीकों से संबंधित नवीन प्रावधान भी सम्मिलित किए गए हैं।

यह संहिता कुल 16 व्यापक भागों में संरचित है, जो विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों — जैसे आंतरिक एवं बाह्य प्रकाश व्यवस्था, आपातकालीन प्रकाश व्यवस्था, बागवानी प्रकाश और सौर प्रकाश प्रणालियों — को समाहित करती है। इसमें प्रकाश शब्दावली, प्रकाश उपकरण, ऊर्जा दक्ष प्रणालियाँ, प्राकृतिक प्रकाश, कनेक्टिविटी, और अनुरक्षण से संबंधित विस्तृत तकनीकी एवं संचालनात्मक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए हैं। यह रूपरेखा ऐसे एकरूप मानकों को प्रोत्साहित करती है जो ऊर्जा-दक्ष, उपयोगकर्ता-केंद्रित और पर्यावरणीय रूप से सतत प्रकाश डिज़ाइन सुनिश्चित करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) — विशेष रूप से स्वास्थ्य, स्वच्छ ऊर्जा, नवाचार और सतत नगरों से संबंधित लक्ष्यों — के अनुरूप, राष्ट्रीय प्रकाश संहिता 2025 (NLC 2025) भारत की उत्तरदायी उपभोग और जलवायु कार्रवाई के प्रति प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करती है। वैज्ञानिक ज्ञान, तकनीकी नवाचार और स्थिरता के समन्वय के माध्यम से यह संहिता राष्ट्र को सुरक्षित, कुशल और मानव-केंद्रित प्रकाश व्यवस्था की दिशा में अग्रसर करती है, जिससे प्रौद्योगिकीय प्रगति और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा मिलता है।

Last Updated on नवम्बर 11, 2025