माह का मानक


IS 19328:2025

अग्नि प्रतिरोधक काँच — विशिष्टि

यह भारतीय मानक अग्नि प्रतिरोधक काँच के प्रदर्शन, वर्गीकरण और अनुपालन को परिभाषित करने के लिए एक व्यापक और संरचित ढांचा प्रदान करता है। जीवन, संपत्ति और भवनों की संरचनात्मक मजबूती की सुरक्षा में ऐसे सामग्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए, यह मानक इस तथ्य पर बल देता है कि अग्नि प्रतिरोधक काँच आधुनिक निर्माण में एक अनिवार्य सुरक्षा तत्व है। समान प्रकार का कोई ISO मानक उपलब्ध न होने के कारण, यह दस्तावेज़ राष्ट्रीय आवश्यकताओं को एकीकृत करता है और उन्हें मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के अनुरूप करता है।

यह मानक केवल काँच इकाइयों पर लागू होता है और इसमें प्रयुक्त प्रमुख परिभाषाएँ, कार्यक्षेत्र तथा वर्गीकरण प्रणाली को निर्दिष्ट किया गया है। अग्नि प्रतिरोधक काँच को तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया है—E (अखंडता), EW (अखंडता और विकिरण नियंत्रण), और EI (अखंडता, विकिरण नियंत्रण और इन्सुलेशन)। इन वर्गों का निर्धारण कठोर परीक्षणों द्वारा किया जाता है, जिनमें भार-वहन क्षमता, तापरोध सीमा, विकिरण नियंत्रण तथा निर्धारित परिस्थितियों में अग्नि प्रतिरोध अवधि का आकलन किया जाता है।

यह मानक अग्नि प्रतिरोधक काँच के विभिन्न प्रकारों—जैसे वायरड, ग्लास-सिरेमिक, बोरसिलिकेट, थर्मली टफन सोडा-लाइम सिलिकेट, लैमिनेटेड, जैल-फिल्ड और लो-ई कोटेड काँच—के लिए सामान्य आवश्यकताओं और प्रदर्शन अपेक्षाओं को भी रेखांकित करता है। प्रत्येक प्रकार को परिभाषित विनिर्माण मानकों, यांत्रिक और तापीय प्रदर्शन मानदंडों तथा स्वीकृति मापदंडों का पालन करना आवश्यक है ताकि उपयोग में एकरूपता और विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके।

इसके अतिरिक्त, मानक में नमूना लेने की पद्धति, अनुपालन मूल्यांकन, पैकेजिंग और अंकन से संबंधित प्रावधान शामिल हैं, जिससे उत्पाद की स्थिरता और पहचान सुनिश्चित होती है। IS 19328:2025 अग्नि सुरक्षा को सुदृढ़ करने, संरचनात्मक लचीलापन सुनिश्चित करने और सुरक्षित व विश्वसनीय अवसंरचना के विकास में योगदान देने का उद्देश्य रखता है।

Last Updated on September 8, 2025