
भारत लम्बे समय से अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण के मामलों में शामिल रहा है अौर अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) के संस्थापक सदस्यों में से एक रहा है। भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय होने के कारण बीआईएस अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मानकीकरण के मामलों में सक्रिय रहता है। भारत अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) का और भारतीय राष्ट्रीय समिति (आईएनसी) के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय विद्युत तकनीकी संगठन (आईईसी) का सदस्य है। बीआईएस क्षेत्रीय मानक निकायों जैसे पैसिफिक एरिया स्टैडर्ड्स कांग्रेस (पीएएससी) और दक्षिण एशिया मानक संगठन (एसएआरएसओ) का भी सदस्य है।
बीआईएस और आईएसओ
आईएसओ के उद्भव के समय से उस समय का भारतीय मनक संस्थान (आईएसआई) और अब बीआईएस इसका सक्रिय रहा है तथा निति एवं अंतर्राष्ट्रीय माननीकरण से संबंधित तकनीकी विषयों में योगदान देता है। आईएसओ के मानकों को अपनाकर बीआईएस भारतीय मानकों को उनके अनुरूप बनाने का हर संभव प्रयास भी करता हैं।
नीतिगत स्तर पर भारत..
समय-समय पर आईएसओ परिषद के सदस्य के रूप में कार्य करता है और वर्तमान में
2017-19 सत्र के लिए इसका सदस्य भी है तथा वित्त पर स्थायी परिषद समिति ओर ओवरसाइट पर स्थायी समिति परिषद में भी प्रतिनिधित्व करता है
समय-समय पर आईएसओ तकनीकी प्रबंधन बोर्ड (टीएमबी) के सदस्य के रूप में भी कार्य करता है यह डिवलपिंग कन्ट्री मैटरस (डीईवीसी) पर इसकी नीति विकास समितियों, अनुरूपता आकलन समिति (सीएएससीओ) तथा उपभोक्ता नीती समिति (सीओपीओएलसीओ) का सहयोगी सदस्य है।
यह ‘मानकों के विकास उपयोग में एनसबी की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए संसाधनों’ पर डेवको कार्य समूहों का संयोजक भी है
भारत (बीआईएस) आईएसओ की विभिन्न तकनीकी समितियों और आईएसओ के कार्यकारी समूहों में अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण के कार्य में भी सक्रिय है। इन समितियों में सक्रिय भागीदारी द्वारा बीआईएस यह कार्य करता है। वह मानक विकास के नये विषयों को प्रस्तावित करता है और मागदर्शन देता है, तकनीकी समितियों के सचिवालय के दायित्व का निर्वाह करता है, समितियों/कार्यकारी समूहों इत्यादि की अध्यक्षता अथवा उनका सयोजन करता है। वर्तमान में भारत 449 समितियो और 212 समितियों में पर्यवेक्षक सदस्य है। भारत बीआईएस की अनुवर्ती राष्ट्रीय छाया समितियों के माध्यम से आईएसओ की तकनीकी में भागीदारी करता है।
भारत के पास 10 आईएसओ समितियों का सचिवालय है और वह 19 कार्यकारी समूहों का संयोजक है।
बीआईएस के पास निम्नलिखित समितियों का सचिवालय है :
आईएसओ/आईइसी जेटीसी/एससी 7 आईटी- साफ्टवेयर एवं सिस्टम इंजीनियरिंग
आईएसओ/टीसी 34/एससी 7 खाद्य उत्पाद – मसाले एवं सालन
आईएसओ/टीसी 113 हाइड्रामीटर
आईएसओ/टीसी 113/एससी 1 संवेग क्षेत्र पद्धतियां;
आईएसओ/टीसी 113/एससी 6 तलछट परिवहन
आईएसओ/टीसी 120 चमड़ा
आईएसओ/टीसी 34/एससी चमडा एवं खाल, पिकल्ड पेल्ट
आईएसओ/टीसी 34/एससी 2 शोधित चमड़ा
आईएसओ/टीसी 34/एससी 3 चमडे के उत्पाद
आईएसओ/टीसी 34/एससी 1 वायु गुणता – स्थिर स्रोत उत्सर्जन
बीआईएस एवं आईइसी
भारत 1911 से आईईसी में भाग ले रहा है और बाद में उस समय के भारतीय मानक संस्थान (अब बीआईएस) ने 1949 में इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स से भारतीय राष्ट्रीय समिति (आईएनसी-आईईसी) से आईइसी भारतीय राष्ट्रीय समिति (आईएनसी-आईइसी) का दायित्व लिया। तब से ही आईएनसी-आईईसी सक्रिय रूप से आईईसी की गतिविधियो में नीतिगत और तकनीकी कार्य दोनों स्तरों पर भागीदारी कर रहा है तथा आईइसी परिषद के निकाय सदस्य के रूप मे दायित्वों का निर्वाह कर रहा है।
भारत 2015 से आइईसी के मानक प्रबंधन बोर्ड का सदस्य है और दूसरे सत्र 2018-2020 के लिए चुना गया है।
भारत को आईइसी की 92 तकनीकी समितियों मे भागीदार सदस्य और 74 तकनीकी समितियो में पर्यवेक्षक सदस्य का दर्जा प्राप्त है। भारत 6 आईइसी समितियो का संयोजक भी है। यह समिति की बैठकों में विशेषज्ञों के प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी, दस्तावेजों पर सम्मतियों तथा इलेक्ट्रॉनिक मतदान प्रणाली से दस्तावजों पर मत डाल कर आईईसी के कार्य में भागीदारी करता है।
भारत ‘विद्युत अभिगमन हेतु निम्न वोल्टेज दिष्ट धारा (एलवीडीसी) एवं एलवीडीसी’ पर आईईसी प्रणाली समिति तथा आइईसी/टीसी 33 ‘पॉवर कैपसिटर एवं उनके अनुप्रयोग’ समिति का अध्यक्ष है।
द्विपक्षीय सहयोग
बीआईएस अन्य देशों के राष्ट्रीय मानक निकायों तथा अन्य मानक विकास संगठनों के साथ द्विपक्षीय सहयोग में भी सक्रिय है जिनके साथ बीआईएस मानकीकरण, परीक्षण, प्रमाणन, प्रशिक्षण इत्यादि क्षेत्रों में सहयोग करता है। बीआईएस ने मानकीकरण एवं अनुरूपता आकलन के क्षेत्रों में एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं और अन्य कई देशों के साथ ऐसे प्रबंध की प्रक्रिया में है। इसके अतिरिक्त बीआईएस कई देशो के राष्ट्रीय मानक निकायों के साथ द्विपक्षीय सहयोग करार (बीसीएस)/परस्पर मान्यता करारों (एमआरए) पर हस्ताक्षर किए हैं। विवरण के लिए यहां क्लिक करें।
Last Updated on नवम्बर 10, 2019