
आई एस 13980:2025
औद्योगिक बॉयलरों के स्वीकार्यता परीक्षण — रीति संहिता (पहला पुनरीक्षण)
यह भारतीय मानक औद्योगिक भाप उत्पन्न करने वाली इकाइयों एवं गर्म पानी बॉयलरों पर स्वीकार्यता परीक्षण करने की विस्तृत प्रक्रियाएँ निर्धारित करता है, जिनका उद्देश्य सकल ऊष्मीय दक्षता (Gross Thermal Efficiency), रेटिंग तथा अन्य आवश्यक परिचालन मापदंडों का निर्धारण करना है। सटीक प्रदर्शन मूल्यांकन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, मानक दो स्वीकृत परीक्षण विधियों—इनपुट-आउटपुट विधि तथा ऊष्मा-हानि विधि—का विस्तृत विवरण प्रदान करता है, तथा इकाई के आकार, ईंधन के प्रकार और परिचालन स्थितियों के आधार पर उपयुक्त विधि चयन के दिशा-निर्देश भी देता है। यह ईंधन इनपुट, जल एवं भाप आउटपुट, ऊष्मा-क्रेडिट, ऊष्मा-हानि तथा अन्य संबंधित मापदंडों के लिए कैलिब्रेटेड उपकरणों द्वारा सटीक माप की पूर्ण प्रक्रिया निर्दिष्ट करता है, जिससे परीक्षण परिणाम विश्वसनीय एवं पुनरुत्पादित हो सकें।
यह मानक प्रतिनिधिक ईंधन नमूना संग्रह, फ्ल्यू-गैस (CO₂, O₂, CO आदि) विश्लेषण, राख एवं अवशेषों की मात्रा का निर्धारण, तथा तापमान, दाब एवं प्रवाह दरों का सही माप करने के महत्व पर बल देता है। इसमें परीक्षण-पूर्व तैयारी, स्थिरीकरण, परीक्षण अवधि (उदाहरण: कोयला आधारित संयंत्रों के लिए न्यूनतम 4–6 घंटे), परीक्षण अस्वीकृति मानदंड, रिपोर्टिंग प्रारूप तथा पात्र परीक्षण-कार्मिक हेतु प्रावधानों का वर्णन किया गया है। मानक में माप-त्रुटियों एवं सहनशीलता सीमा (जैसे ±3.5%, ±2.0%, ±1.5% आदि) तथा स्वीकृत विचलन की गणना भी सम्मिलित है, जिससे निष्पक्ष एवं तुलनात्मक परिणाम सुनिश्चित हों।
इस संरचित प्रक्रिया के माध्यम से यह मानक विभिन्न ईंधन प्रकारों एवं बॉयलर विन्यासों में पारदर्शी प्रदर्शन मूल्यांकन को सक्षम बनाता है, जिससे परिचालन सुरक्षा, दक्षता तथा मानक-अनुपालन में सुधार होता है। अंततः यह निर्माता एवं उपभोक्ता दोनों को वैज्ञानिक और नियंत्रित परिस्थितियों में गारंटीकृत प्रदर्शन सत्यापित करने का सक्षम साधन प्रदान करता है।
Last Updated on दिसम्बर 23, 2025